अभिनेता एजाज़ खान के लिए अभिनय केवल एक पेशा नहीं, बल्कि आत्म-ज्ञान की एक यात्रा बन गया है। जवान, धूम धाम, तनु वेड्स मनु, अदृश्य और सिटी ऑफ ड्रीम्स जैसे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहे एजाज़ कहते हैं, “अभिनय को जितना गहराई से समझने की कोशिश करता हूं, उतना ही ये एहसास होता है कि इंसान की भावनात्मक स्थिति को समझना सबसे ज़रूरी है। चाहें मैं चाहता था या नहीं, मैंने पूरी ज़िंदगी अपने दर्द को समझने में बिता दी—चाहे वो मेरा बचपन हो, मेरी चोटें, मेरी पहचान या मेरी आत्मिक यात्रा। और अब शायद समय आ गया है कुछ लौटाने का। इसलिए मैं निर्माता बनना चाहता हूं। काश जब मैं इस इंडस्ट्री में नया था, कोई होता जो मुझे स्पेस देता, आज़ादी देता आगे बढ़ने की। अब मुझे लगता है कि मेरी बारी है वो स्पेस दूसरों के लिए रखने की—आगे बढ़ाने की।”
एजाज़ इस बात को गहराई से समझते हैं कि हर किसी की ज़िंदगी की रफ़्तार और रास्ता अलग होता है। “आप खुद की तुलना दूसरों से नहीं कर सकते। हमारी शुरुआत की रेखाएं अलग होती हैं। हमारे रास्ते अलग होते हैं। मैं बहुत साधारण शुरुआत से आया हूं। जब मैं सोचता हूं कि मैंने कहां से शुरुआत की थी और अब कहां हूं, तो वही सोच, वही जागरूकता मुझे ज़मीन से जोड़कर रखती है। वही मेरा ज़मीर है। वही मेरी सच्चाई की याद दिलाता है। ये इंडस्ट्री भी आखिरकार आपका पूरा मूल्य मांगती है—चाहे मेहनत हो या बलिदान।”
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वो आगे कहते हैं, “ईमानदारी से कहूं, तो मेरी ज़िंदगी खुद एक मास्टरक्लास रही है—चुनौतियों से भरी हुई। चोटें, बचपन की मुश्किलें, अंदर के तूफान—मैं ऐसे हालातों से गुज़रा हूं जो किसी भी प्रतिस्पर्धा से कहीं ज़्यादा कठिन थे। अब वो बाहरी हलचल मुझे डगमगाती नहीं। मैं अपनी आस्था में पूरी तरह स्थिर हूं। मैं अपनी नमाज़ पढ़कर चैन की नींद सोता हूं—हमेशा। वही मेरा सहारा है।”
एजाज़ बताते हैं कि पहले वो अपनी सेहत—शारीरिक, मानसिक और आर्थिक—में ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे, “अब मैं अपने जीवन के मूल स्तंभों में निवेश करता हूं। मुझे एहसास हुआ कि मैं हर चीज़ में अपना समय और ऊर्जा डाल रहा था, सिवाय अपनी ही उपचार प्रक्रिया के। अब अगर गुस्सा भी आता है, तो मैं उसे एक संकेत के रूप में देखता हूं—कि अभी यहां कुछ ऐसा है जो मुझे ठीक करना है। मैं प्रतिक्रिया देने के बजाय जागरूक होकर जवाब देने की कोशिश करता हूं।” अपनी बात को समेटते हुए एजाज़ कहते हैं, “ज़िंदगी के इस मोड़ पर, मैं पूरी तरह से वर्तमान में जीना चाहता हूं। अपनी सच्चाई में, अपनी गरिमा में और अपने सम्पूर्ण अस्तित्व के साथ।”