हरलीन कौर रेखी ने बताई भारतीय पौराणिक किरदार निभाने की भावना - Manoranjan Metro

Harleen Kaur Rekhi explains the feeling of playing Indian mythological characters - Manoranjan Metro

आज की तेज़ रफ्तार और ग्लैमर से भरी दुनिया में, अभिनेत्री हरलीन कौर रेखी एक ऐसी कलाकार हैं जो अपने अभिनय में आध्यात्म, शुद्ध भाषा और संस्कृति की गहराई लेकर आती हैं। सीता माता, मंदोदरी, कामधेनु देवी और द्रौपदी जैसे पौराणिक किरदारों को उन्होंने मंच और स्क्रीन पर बड़ी श्रद्धा और भाव से निभाया है।

हरलीन का अभिनय सफर श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स से शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने अनीस आज़मी और समीप सिंह जैसे गुरुओं से आवाज़ का उतार-चढ़ाव और शुद्ध हिंदी-उर्दू सीखी। वे कहती हैं, "उस वक्त मुझे एहसास नहीं था कि ये शिक्षा कितनी कीमती है, लेकिन आज वही मुझे पौराणिक भाषा को असली रूप में बोलने में मदद करती है।"

इन दिनों हरलीन ‘हमारा राम’ नाम के नाटक में सीता माता का किरदार निभा रही हैं। इस नाटक का अब तक 226 बार भारत भर में मंचन हो चुका है और अब इसे दुबई और अमेरिका जैसे देशों में भी ले जाया जा रहा है। यह 3 घंटे 20 मिनट का लाइव शो है, जिसमें हरलीन का कहना है कि “यह अभिनय नहीं, एक भावनात्मक यात्रा है। लोग भावुक होकर हाथ जोड़ते हैं, रोते हैं — ये सिर्फ एक्टिंग नहीं, भक्ति है।”

Also Read : Sandesh Naik's Birthday Bash: A Star-Studded Celebration with Bhabiji Ghar Par Hain! Cast - Manoranjan Metro

हरलीन जानती हैं कि भारत में लोग राम और सीता को सिर्फ किरदार नहीं, आदर्श मानते हैं। वह कहती हैं, “ये ज़िम्मेदारी मंच से बाहर भी मेरे साथ रहती है। मैं इसे पूरी श्रद्धा से निभाती हूं।” उनकी शुद्ध हिंदी और शांत, गरिमामयी उपस्थिति उन्हें इन किरदारों में जान फूंकने में मदद करती है।

उनकी अगली प्रस्तुति ‘गौ माता कामधेनु’ है, जिसमें वह एक दिव्य गाय के देवी बनने की कहानी लेकर आ रही हैं। हरलीन बताती हैं, “ये कहानी आस्था से जुड़ी है और कुछ नया कहने की कोशिश भी है।” यह प्रोजेक्ट अगले महीने रिलीज़ हो सकता है, हालांकि प्लेटफॉर्म का खुलासा अभी नहीं हुआ है।

भविष्य में हरलीन संजय लीला भंसाली और सूरज बड़जात्या जैसे निर्देशकों के साथ काम करने का सपना देखती हैं। “भंसाली सर के साथ काम करना एक जादू की तरह होगा—एक कलाकार का सपना,” वह मुस्कुराते हुए कहती हैं।

पौराणिक किरदार निभाने के इच्छुक कलाकारों को वह साफ संदेश देती हैं—“अपनी हिंदी सुधारो, रिसर्च करो और इस शैली का आदर करो। ये रोज़ाना के सीरियल्स जैसे नहीं होते। ये किरदार सच में एक दैवीय बुलावा हैं।”

Previous Post Next Post