'मा' में अपने किरदार को लेकर सुरजसिखा दास: ग्लैमरस हो या नहीं, मुझे बस परफॉर्म करना है - Manoranjan Metro

    Surajsikha Das on her role in 'Ma' Glamorous or not, I just have to perform - Manoranjan Metro

    Call Me Bae, गुटरगूं सीज़न 3, द नाइट मैनेजर, द ट्रायल, और बड़े अच्छे लगते हैं सीज़न 3 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद, अभिनेत्री सुरजसिखा दास अब काजोल-स्टारर फिल्म ‘मा’ में अपने दमदार किरदार नंदिनी के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं। ओटीटी और फिल्मों में गहराई वाले किरदारों को चुनने के लिए जानी जाने वाली सुरजसिखा ने इस महत्वपूर्ण रोल के पीछे की कहानी और इसके लिए हुई तैयारी के बारे में खुलकर बात की।

    कास्टिंग का किस्सा सुनाते हुए वह कहती हैं, "एक दिन मैं अंधेरी के आराम नगर में ऐसे ही ऑडिशन ढूंढ रही थी, तभी मुझे एक टेस्ट के लिए बुलाया गया। मन में संदेह था—फिर एक माँ का रोल? लेकिन फिर सोचा, पूरा जोर लगाकर देखते हैं। निर्देशक ने मुझसे गहराई से बात की—मेरे विचार, मेरे लक्ष्य और क्या मैं एक बिना मेकअप, उम्रदराज और बेटी वाली किरदार करने को तैयार हूं। और सच कहूं तो मुझे फर्क नहीं पड़ा। ग्लैमरस हो या नहीं, मुझे बस परफॉर्म करना है। अगर किरदार में स्कोप है, तो मैं तैयार हूं।”

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    इस किरदार की भावनात्मक गहराई के लिए उन्हें काफी तैयारी करनी पड़ी। "मैंने इस रोल के लिए बहुत तैयारी की। जानबूझकर अपने बॉडी लैंग्वेज में बदलाव किया ताकि एक माँ जैसी लगूं। थोड़ा हेल्दी वज़न भी बढ़ाया, क्योंकि कभी-कभी थोड़े मैच्योर दिखना जरूरी होता है। मैंने अपनी बहनों से बात की, जिनके छोटे बच्चे हैं, और देखा कि वे कैसे रिएक्ट करती हैं। अपने बचपन की यादें भी दोहराईं—माँ कैसे बर्ताव करती थीं और मैं कैसे प्रतिक्रिया देती थी। इन सब परतों से किरदार बनता गया।”

    शूटिंग का अनुभव उनके लिए यादगार रहा।"दूसरे ही दिन मेरा एक बड़ा इमोशनल सीन था, वो भी एक बड़े सेट पर और अनुभवी कलाकारों के बीच। मैं डरी हुई थी। बार-बार यही सोच रही थी—या तो सबको याद रह जाऊंगी, या सब बिगाड़ दूंगी। लेकिन जैसे ही सीन खत्म हुआ, निर्देशक ने ‘कट’ बोला और पूरी टीम ताली बजाने लगी। वो पल बहुत इमोशनल था। मैं रोते हुए अपनी माँ को फोन करके बोली—‘माँ, मैंने कर दिखाया!’”

    फिल्म की रिलीज़ से पहले ही उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने लगी थी।“प्रीमियर पर लोग आकर बधाई दे रहे थे। मेरे लुक को पहचानना मुश्किल था। हमने करीब 38-39 दिनों तक शूट किया। इतनी बड़ी टीम के साथ, हाई-प्रेशर माहौल में काम करते वक्त पॉज़िटिव माहौल बहुत ज़रूरी होता है, और मुझे वो मिला। मैंने सिर्फ अभिनय ही नहीं, ज़िंदगी के बारे में भी बहुत कुछ सीखा।”

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