एक तरफ़ संजय लीला भंसाली की शानो-शौकत, दूसरी तरफ़ विक्रमादित्य मोटवानी की सच्चाई: वैभव राज गुप्ता - Manoranjan Metro

    ‘मंडला मर्डर्स’ में अपनी इंटेंस एक्टिंग से सुर्ख़ियाँ बटोर चुके वैभव राज गुप्ता अब रुकने वाले नहीं हैं। अब उनकी नज़र है भारतीय सिनेमा के दो बिलकुल अलग ध्रुवों पर – संजय लीला भंसाली और विक्रमादित्य मोटवानी।

    वैभव कहते हैं, “मैं सिनेमा के दोनों सिरों से इश्क़ करना चाहता हूँ। मोटवानी सर का यथार्थवादी, सच्चाई से भरा सिनेमा और भंसाली सर की शायराना, ग्रैंड विज़न वाली दुनिया। 

    Also Read : Surprise Unlock! रुक्मिणी वसंत बनीं यश की टॉक्सिक: ए फेयरीटेल फ़ॉर ग्रोन-अप्स का हिस्सा - Manoranjan Metro

    विक्रम सर की फ़िल्में दिखावे से दूर होती हैं, मगर सच्चाई इतनी गहरी होती है कि एक ख़ामोशी भी भूचाल ला देती है। वहीं भंसाली सर की फ़िल्में तो कविता की तरह होती हैं—जहाँ प्यार, संगीत, नृत्य और भव्यता मिलकर इश्क़ को एक नई ऊँचाई देते हैं।”

    ‘मंडला मर्डर्स’ ने उनके गहरे और डार्क रोल्स का हुनर दिखाया था, लेकिन अब वैभव रोमांस और ग्रैंड स्टोरीटेलिंग में भी हाथ आज़माना चाहते हैं। और सबसे अच्छी बात – ये ख़्वाब सिर्फ़ ख्वाब नहीं रहेंगे, क्योंकि उनकी झोली में कई नए प्रोजेक्ट्स पहले से ही लाइन में हैं।


    Previous Post Next Post