कान्स का रेड कार्पेट या सोशल मीडिया का सर्कस? - Manoranjan Metro


सोमी अली बोलीं, अब सिर्फ चेहरा दिखाना और सेल्फी लेना ही रह गया है मकसद

कान्स फिल्म फेस्टिवल का ये 78वां एडिशन है। हर साल की तरह इस बार भी कई इंडियन एक्टर्स ने रेड कार्पेट पर वॉक किया। लेकिन इस बार खास बात ये रही कि कई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स भी रेड कार्पेट पर नजर आए, जिससे लोग सोचने लगे हैं कि क्या ये फेस्टिवल अब फिल्मों के बजाय दिखावे का मंच बनता जा रहा है?

बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता सोमी अली, जो अब  नो मोर टियर्स नाम से एक NGO चलाती हैं, ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कान्स हर एक्टर का सपना होता है, लेकिन अब इसका असली आकर्षण खत्म होता जा रहा है।

Cannes red carpet or social media circus - Manoranjan Metro

सोमी ने कहा, “अब ये हर एक्टर की चेकलिस्ट में शामिल हो गया है। लोग किसी भी कीमत पर इस फेस्टिवल का हिस्सा बनना चाहते हैं। इसकी असली पहचान अब खो गई है। अवॉर्ड्स और फेस्टिवल्स के साथ यही होता है – जब वहां दिखावे का दबाव ज़्यादा हो जाता है, तो असलियत खत्म हो जाती है। अब तो रेड कार्पेट पर चेहरा दिखाना और एक सेल्फी लेना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है।”

Cannes red carpet or social media circus - Manoranjan Metro

हालांकि, सोमी ने यह भी माना कि अगर उन्हें बुलाया जाए, तो वह खुद भी मना नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, “अगर किसी को मौका मिले, तो वो क्यों छोड़ेगा? अब तो ये एक प्रोसेस का हिस्सा बन गया है और मैं भी इसका हिस्सा बनना चाहूंगी। भले ही ये सब समय के साथ भीड़ से भर गया हो, फिर भी वहां मौजूद रहना ज़रूरी बन गया है।”

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सोमी ने सोशल मीडिया को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा, “Instagram ने वो सारी सच्चाई और भावना खत्म कर दी है, जो किसी भी चीज़ में होनी चाहिए। अब सब कुछ सेल्फी और वीडियो का हिस्सा बन चुका है – चाहे वो किसी हादसे का वीडियो हो या कोई दुखद घटना। ये एक दुखद स्थिति है, खासकर हमारे युवाओं के लिए और उनके लिए जो असली कला बना रहे हैं। लेकिन जब ये इंस्टाग्राम की चमक फीकी पड़ जाएगी, तो कुछ और आ जाएगा हमें निगलने के लिए।”

अंत में उन्होंने कहा, “आज की दुनिया में सब कुछ सोशल मीडिया के लिए हो रहा है। यही हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़ रहे हैं। इससे बचना अब मुमकिन नहीं है। जब समाज में संवेदनशीलता की इतनी कमी हो जाती है, तो ये दुनिया सबके लिए डरावनी हो जाती है।”

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