Producer Rahul Tiwari: उड़ने की आशा में मैंने आम प्रेम कहानी के फार्मूले से हटकर कुछ दिखाना चाहा - Manoranjan Metro

Producer Rahul Tiwari: In 'Udne Ki Asha' I wanted to show something different from the formula of a common love story - Manoranjan Metro

टीवी शो उड़ने की आशा इन दिनों टीआरपी चार्ट्स में टॉप पर है और इसके निर्माता राहुल तिवारी इस बात से बेहद खुश हैं कि शो दर्शकों से इतनी गहराई से जुड़ पाया है। राहुल कहते हैं, “कंटेंट ही किंगहै, और वही असली काम करता है। किरदार तो बाद में आते हैं। अगर आपकी कहानी दमदार है और उसे निभाने के लिए सही कलाकार मिल जाए — जैसा कि मेरी कास्ट ने बखूबी किया है — तो शो लोगों के दिलों तक पहुंचता है। मुझे खुशी है कि हमारी टीम ने अपने किरदारों पर इतनी मेहनत की ताकि वे पूरी सच्चाई से पेश किए जा सकें।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या शो में दिखाया गया लोकल मराठी फ्लेवर दर्शकों को जोड़ने में कारगर रहा, तो उन्होंने कहा, “मैं बस एक अच्छी कहानी कहना चाहता था, जो फैमिली एंटरटेनर हो। मैं वही पुरानी प्रेम कहानी नहीं दिखाना चाहता था, जिसमें प्यार हो, फिर ब्रेकअप हो और फिर मेल-मिलाप। मैं इसे परिवार की कहानी बनाना चाहता था — तीन भाइयों और तीन अलग-अलग सामाजिक स्तर की महिलाओं की कहानी। 

Also Read : भोजपुरी सिनेमा में नया इतिहास रचने जा रही है बहू की बिदाई - Manoranjan Metro

उड़ने की आशा में सबसे बड़ा भाई बिज़नेसमैन है, दूसरा टैक्सी ड्राइवर और तीसरा एक शेफ है। यह एक ही परिवार में आय असमानता को दर्शाता है, जो भारतीय घरों में आम है। हर बेटा सफल नहीं होता, फिर भी वे साथ रहते हैं, खुश रहते हैं। शो में पत्नियों की अपनी सोच है, लेकिन वे संयुक्त परिवार की व्यवस्था में विश्वास रखती हैं और चुनौतियों के बावजूद कोई अलग नहीं होना चाहता। यही बात दर्शकों से जुड़ती है।”

राहुल ने यह भी साझा किया कि जब उन्होंने इस शो की कल्पना की थी, तब उनके दिमाग में कन्वर ढिल्लों नहीं थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कन्वर को इसलिए चुना क्योंकि वह पंड्या स्टोर जैसे तीन भाइयों पर आधारित शो का हिस्सा थे, तो उन्होंने कहा, “पंड्या स्टोर में कन्वर मुख्य चेहरा नहीं थे। लेकिन जब हमने मॉक शूट किया, तो मुझे उनमें कुछ खास नजर आया। मेरे पास और विकल्प भी थे, लेकिन कन्वर को देखने के बाद मुझे यकीन हो गया कि वही सही हैं। वह मुंबई से हैं, संयुक्त परिवार से आते हैं और परिवारिक जीवन की भावना को बखूबी समझते हैं।”

Previous Post Next Post